भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए कई नए नियम लागू किए हैं, जो दिसंबर 2024 से प्रभावी हो गए हैं। मुख्य बदलाव निम्नलिखित हैं:
SIP रद्द करने की प्रक्रिया में सरलता:
अब निवेशक अपनी व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) को भुगतान की तारीख से मात्र तीन दिन पहले बंद या रोक सकते हैं। म्यूचुअल फंड कंपनियों को आवेदन प्राप्त होने के बाद दो कार्य दिवसों (T+2) के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा करना होगा। पहले, SIP रद्द करने के लिए निवेशकों को 10 कार्य दिवस पहले आवेदन करना पड़ता था, जिससे कई बार किस्त बाउंस होने पर जुर्माना लगता था।
स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (SIF):
SEBI ने उच्च जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (SIF) की शुरुआत की है। इन फंड्स के तहत एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) को आधुनिक निवेश रणनीतियों को लागू करने की अनुमति मिलेगी। इन योजनाओं में प्रति निवेशक न्यूनतम 10 लाख रुपये का निवेश अनिवार्य होगा, हालांकि मान्यता प्राप्त निवेशकों पर यह नियम लागू नहीं होगा।
म्यूचुअल फंड लाइट (MF Lite):
SEBI ने म्यूचुअल फंड के सूचकांक और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) योजनाओं के लिए ‘म्यूचुअल फंड लाइट’ की रूपरेखा पेश की है। इसका उद्देश्य निवेश प्रक्रिया को आसान बनाना, नए निवेशकों को प्रोत्साहित करना और निवेश बाजार को व्यापक करना है। नई एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के लिए नियमों को आसान बनाया गया है, जहां उन्हें शुरुआत में कम से कम 35 करोड़ रुपये का नेटवर्थ रखना होगा।
इन परिवर्तनों का उद्देश्य म्यूचुअल फंड उद्योग में पारदर्शिता बढ़ाना, निवेशकों के अधिकारों को मजबूत करना और उन्हें बेहतर निवेश अनुभव प्रदान करना है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले, निवेशकों को अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना चाहिए और अपने निवेश लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और समय सीमा के आधार पर निर्णय लेना चाहिए।
धन्यवाद ।