Mahakumbh Mela 2025 महाकुंभ के लिए खुद को कैसे तैयार करे। जाने Sadguru के विचार
Mahakumbh Mela : कुंभ मेले के बारे मे अब सब उसके महत्व को जान चुके हैं, मान चुके हैं। वो 144 साल बाद में एक बार आता है, भारत में चार जगह पे ये विशिष्ट तिथि को अलग अलग तीर्थ स्थल पर (प्रयागराज, नाशिक, उज्जैन, और हरिद्वार) हर साल (माघ कुंभ) ,6(अर्ध कुंभ),12(पूर्ण कुंभ), और 144 (महाकुंभ)ऐसे करके यह पवित्र भव्य उत्सव होता है।
ऐसा हो सकता है कि आपके मन में यह सवाल आया हो कि क्या हम महाकुंभ Prayagraj में भाग ले सकते हैं? और अगर आपने जाने का मन बना लिया ही है तो इस पवित्र उत्सव के लिए खुद को कैसे तैयार करें? बस वहा जाकर गंगा में डुबकी लगाने से mahakumbh ka लाभ हमे नही मिलने वाला तो आइए, आज हम सद्गुरु द्वारा दी गई जानकारी आपके साथ साझा करते हैं।
Sadguru talk
Mahakumbh कि प्रशिद्ध पौराणिक कथा समुद्र मंथन से जुड़ी हैं। जब देव और असुर दोनों ने मिलकर समुद्र मंथन किया तब उसमें से अनेक पदार्थ और चीजे निकली उसमे 2 चीजों ने समुद्र मंथन को अलग रूप दिया 2 चीजे यानी एक मंथन के शुरू मे ही विश निकला जिशे शिवजीने उसे पिकर श्रुष्टि को विनाश से बचाया। लेकिन जब शिवजी ओ विश पि रहे थे तब पार्वती माता ने उनके कंठ को दबा दिया उस कारण वो पुरा विश उसी जगह जमा हो गया और यही कारण से शिवजी का कंठ नीला पड़ गया। और दूसरी चीज वो है अमृत जिसकी 4 बुँदे भारतभूमि के 4 अलग अलग जगह गिरी जिस कारण आज भी सालोंसे कुंभ मेला लगता हैं।
सद्गुरु द्वारा महाकुंभ 2025 की तैयारी के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए, आप निम्नलिखित वीडियो देख सकते हैं:
इस वीडियो में, सद्गुरु महाकुंभ में भाग लेने और उसकी तैयारी के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं।
सद्गुरु कहते है वो प्रसंग हमे ये संदेश देता हैं की, ऐसेही विश् की तरह हमारे मन में कुछ विशेले (negative energy )विचार, भावना, कल्पना, सदा आते रहते है और वे जरूर आयेंगे बस हमे शिवजी कि तरह उन्हे अपने कंठ या गले, या हमारे व्यवहार से दूर या नीचे नही आने देना है। इसे विशुद्धि कहते हैं। खुद को नकारात्मक प्रभाव से दूर रखने का एकदम सरल उपाय / संदेश हमे मिलता है।
इस तरह हम खुद को शुद्ध हो के mahakumbh mele मे जाते है तो वहाँ के ऊर्जा को अच्छे ग्रहण कर सकते है।
खुद को शुद्ध रूप से तैयार होने के लिए उन्होंने सरल उपाय दिया है। उन्होंने खुद को सकरात्मक ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए एक मंत्र जाप करने के लिए सलाह दि है। और मंत्र है (AUM) आम नमः शिवाय्।
इस मंत्र को दीन मे 2 बार (सुबह 9 बजे से पहले और शाम को 4-5 बजे के बाद जब सूर्य 30° के नीचे हो) जपने को कहा है। इससे हमारे आसपास और खुद के अंदर एक शुद्ध सकरात्मक ऊर्जा का संचार बनने शुरू होगा।
उन्होंने कहा की, चूंकि अब हम इसे देरी से समझ पाये है तो भी हम इस का लाभ पा सकते है । इसके लिए उन्होंने कुछ नियम दिये है। उनका कहना है कि इस मंत्र का जाप 48 दिन करने से अच्छा लाभ मिलता है, lekin आपको ये संभव नहीं हो सकता तो 7 दीन तो करे । अगर ये भी संभव नहीं हो तो 3 दिन इसका दिन में 2 बार जाप करे ही करे।
इस तरह तैयार होकर अगर आप Mahakumbh Prayagraj जाते हो तो आप इसकी शुद्ध ऊर्जा को आसानी से ग्रहण करेंगे और खुद को अलग ही उर्जावान पाएंगे। अभी तो बहुत से लोग Mahakumbh mela को बस एक पर्यटक के रुप मे देख रहे है वहाँ की शोभा देख रहे जो एक अच्छी चीज है । लेकिन वहाँ जाकर सिर्फ हमे नागा साधु या चीजे पर्यटक के रूप में नही देखना हैं, बल्कि वहाँ नदी किनारे हमें निरंतर भजन करते रहना है ताकि हमे मोक्ष्य कि प्राप्ति सहज मिले। यही तो जीवन का परम लक्ष्य है।
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