एयरबैग से जुड़ी दुर्घटनाओं के मामलों में हाल ही में चर्चा हुई है। यदि कार में एयरबैग सही तरीके से काम नहीं करते और किसी की जान चली जाती है या चोटें लगती हैं, तो इसे निर्माता की लापरवाही माना जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि ऐसी स्थितियों में वाहन निर्माता कंपनियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा और जुर्माना देना होगा। एक केस में, जब एक्सीडेंट के समय एयरबैग नहीं खुले थे, तो कोर्ट ने ग्राहक को मुआवजा दिलवाने का निर्देश दिया और कार कंपनी को दोषी ठहराया था ।
साथ ही, केंद्र सरकार ने 2022 से सभी कारों में डुअल एयरबैग अनिवार्य कर दिए हैं ताकि सुरक्षा के मानकों में सुधार हो सके।
श्रीनगर हादसा: हाल ही में श्रीनगर में एक सड़क दुर्घटना के दौरान एयरबैग न खुलने से एक व्यक्ति की जान चली गई। यह घटना वाहन सुरक्षा मानकों पर गंभीर बहस का कारण बनी है और निर्माताओं की जवाबदेही पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि अगर हादसे के दौरान एयरबैग काम नहीं करते हैं, तो वाहन निर्माता कंपनियों को मुआवजा देना होगा। यह फैसला सुरक्षा मानकों को सख्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है ।
एयरबैग रिकॉल: कई बड़े वाहन निर्माता, जैसे मारुति सुजुकी, ने एयरबैग में संभावित खामियों के कारण वाहनों को वापस बुलाया है। उदाहरण के लिए, 2023 में मारुति ने 17,000 से अधिक वाहनों को एयरबैग कंट्रोल यूनिट की समस्या को ठीक करने के लिए रिकॉल किया था।