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Godhra Riots 2002 गोधरा कांड: प्रधानमंत्री मोदी की जिम्मेदारी और भावनात्मक नेतृत्व

Godhra Riots 2002 गोधरा कांड: प्रधानमंत्री मोदी की जिम्मेदारी और भावनात्मक नेतृत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2002 के गोधरा कांड पर हाल ही में एक पॉडकास्ट में अपनी भावनाओं का खूलकर खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 24 फरवरी 2002 को वे पहली बार विधायक बने, और 27 फरवरी को विधानसभा पहुंचे। जैसे ही गोधरा कांड की जानकारी मिली, एक भावनात्मक निर्णय लिया — गोधरा जाने का। मोदीजी इस घाटणा से बहुत चिंतित थे।

 

कैसे पाहुंचे गोधरा?

लेकिन उन्हें वहां जाने के लिए हेलीकॉप्टर नहीं मिल रहा था। फिर भी उन्होन ओएनजीसी का एक सिंगल इंजनवाला हेलीकॉप्टर लेकर निकल पड़े जिसमें उनको पूरा खतरा था। क्योंकि वो सिंगल इंजनवाला था जो वीआईपी के लिए नहीं था। वो अपनी जिम्मेदारी पर हेलीकॉप्टर से गोधरा पहुंचे । सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटने का नाम नहीं लिया। गोधरा पहुंचकर जो दृश्य उन्होंने देखे, वे दिल दहला देने वाले थे। यह घटना, उनका दर्द, और उसकी विभीषिका, उन पर भारी थी। लेकिन, मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखते हुए स्थिति का सामना किया और न सिर्फ घटनाओं से उबरने का प्रयास किया, बल्कि संकट के समय में नेतृत्व की पूरी जिम्मेदारी निभाई।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि 2008 में गुजरात में हुए सीरियल बम धमाकों के दौरान भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाई। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अस्पतालों में जाने से मना किया था, लेकिन उन्होंने घायलों से मिलने के लिए अस्पताल जाने का निर्णय लिया।

इन बयानों से यह स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने गोधरा कांड और उसके बाद की घटनाओं के दौरान अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखते हुए मुख्यमंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाई।

गोधरा कांड पर प्रधानमंत्री मोदी के विचारों को विस्तार से जानने के लिए आप नीचे दिए गए वीडियो को देख सकते हैं:

सोर्सेस

 

“यह लेख/समीक्षा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण और अनुभवों पर आधारित है, जिनका जिक्र उन्होंने गोधरा कांड के संदर्भ में एक हालिया पॉडकास्ट में किया। यह व्यक्तिगत विचार हैं और इनका उद्देश्य घटनाओं की व्याख्या और प्रधानमंत्री के नेतृत्व के प्रति उनके दृष्टिकोण को समझाना है।” apanibaat.com का इसमे कोई भी व्यक्तिगत विचार नहीं है।

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