MANOJ JARANGE DHARASHIV : सामाजिक न्याय की नई क्रांति” आखिर क्यों भड़के जरांगे पाटिल?
धाराशिव : मनोज जरांगे पाटिल ने धाराशिव में जनआक्रोश मोर्चा के दौरान यह बात कही कि बीड जिले के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसमें प्रशासन की निष्क्रियता और पक्षपातपूर्ण रवैये की ओर इशारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में आरोपी और अन्य संदिग्धों को लेकर पुलिस और प्रशासन की ओर से स्पष्ट कार्रवाई नहीं की जा रही है।
इस जनआक्रोश मोर्चा में मनोज जरांगे पाटिल की उपस्थिति और उनके तीखे भाषण ने मराठा समुदाय के बीच उत्साह और सरकार पर दबाव बढ़ाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मराठा आरक्षण की मांग पूरी होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
धाराशिव में आयोजित जनआक्रोश मोर्चा के दौरान मनोज जरांगे पाटिल ने स्पष्ट रूप से महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि धनंजय मुंडे उनसे मिलने की कोशिश न करें।
- धनंजय मुंडे का संदर्भ:
धनंजय मुंडे महाराष्ट्र सरकार में एक वरिष्ठ मंत्री हैं और मराठा समुदाय के नेता माने जाते हैं। उन्हें यह सलाह इसलिए दी गई, क्योंकि जरांगे पाटिल को लगता है कि उनकी मांगों पर सरकार पूरी गंभीरता से ध्यान नहीं दे रही है। - कड़ी चेतावनी:
मनोज जरांगे ने सभा में कहा कि धनंजय मुंडे यदि उनसे मिलने आते हैं, तो इसे आंदोलन की कमजोरी के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को ठोस रूप से स्वीकार नहीं करती, तब तक किसी भी नेता से बात करने का कोई मतलब नहीं है। - आंदोलन के प्रति सख्त रुख:
यह बयान उनके आंदोलन के प्रति उनकी दृढ़ता को दर्शाता है। उन्होंने सरकार और नेताओं को यह स्पष्ट संदेश दिया कि मराठा आरक्षण की मांगें पूरी होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
आखिर क्या बोले मनोज जरांगे
“बीड जिले के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या, ये सिर्फ एक घटना नहीं, ये हमारी व्यवस्था पर सवाल है। प्रशासन की निष्क्रियता और पक्षपात ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है। हमने हमेशा न्याय की मांग की है, लेकिन जब तक प्रशासन और सरकार निष्पक्ष होकर काम नहीं करेंगे, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं, कोई भी नेता, चाहे वो धनंजय मुंडे हों या कोई और, मुझसे मिलने की कोशिश न करें। हमारी लड़ाई आंदोलन की कमजोरी दिखाने के लिए नहीं है। जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरी गंभीरता से स्वीकार नहीं करती, तब तक न बातचीत होगी और न समझौता।
यह आंदोलन सिर्फ मराठा आरक्षण के लिए नहीं है, यह हमारे अधिकार और स्वाभिमान की लड़ाई है। मैं सरकार और प्रशासन को साफ-साफ कहता हूं—हम अपने हक के लिए लड़ते रहेंगे। चाहे ये लड़ाई कितनी भी लंबी क्यों न हो, मराठा आरक्षण की मांग पूरी होने तक हम नहीं रुकेंगे।”
- मनोज जरांगे पाटिल
इस संदर्भ में, धाराशिव में आयोजित जनआक्रोश मोर्चा का वीडियो आप नीचे देख सकते हैं: