Mental health awareness ओम् या मंत्रों के जाप से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार संभव।
कैलास पर्वत : भारत के सनातन संस्कृति ने आज पूरे विश्व में अलग पहचान बनाई है। लेकिन फिर भी हर प्रकार से चुनिंदा लौगों द्वारा इस सभ्यता के श्रद्धा, विश्वास, उसके ग्यान, ग्रंथों ,परंपराओंको- रीतिरिवाजों को अपमानित किया जाता है, इस धरोहर पर बार बार सवाल उठाये जाते हैं।लेकिन भारत के लोगों में इसका mental health को स्वास्थ्य रखने का लाभ सलोंसे जानते है। इसलिए ये संस्कृति लोगों के निजि जिवन से जुडी होने के कारण अभी तक जीवित है।
सनातन संस्कृति और Mental Health Awareness
इस संस्कृति पर कितने आक्रमण हुए कितनी आलोचना होती रही है लेकिन हर बार सनातन धर्म अपने गूढ़ ज्ञान से उस पर उठे इस सभी सवालों को, अपमान को जड़ से उखाड़ देता है। यही तो इस संस्कृति की खशियत है। यह संस्कृति खुद इतने आलोचन, आक्रमण के बावजूद अपने ज्ञान भंडार का उपयोग करके खुदका Mental health सुदृढ़ बनाएं टिकी हुई है।
सनातन धर्म, संस्कृति, परंपरा विश्व की एकमात्र ऐसी संस्कृति है, जो मनुष्य को अपने 6 वे इंद्रिय याने मन (Mind) से परिचित कराती है। इसके साथ खुद के जीवन को सचेत रहकर उच्च स्तर पर जाने का जीवंत मार्ग दिखाती हैं। आँख, कान, नाक, जिव्हा, त्वचा ये पाँच इंद्रिये हैं, और 6 वा इंद्रिय ये मन माना गया है। हम सब चीजों पर नियंत्रण पाते हैं शिवाय मन के।
अनेक अभ्यासोंसे Reaserach से सामने आया है कि अगर कोई व्यक्ति रामायण, भगवदगीता आदि श्लोक का वाचन करता है तो बाकी लोगोंके तुलना मे मानसिक रूप(Mental health) से जादा स्थिर, शांत, प्रसन्न, आनंदी, समाधानी रहता है।
सनातन ग्रंथों के पठन से, संस्कृत श्लोक ,ओम ( आम – Aum)उच्चारण से हम खुद को मानसिक स्तर पर संतुलन बनाऐ रख सकते है। इसका लाभ हजारों सालोंसे ऋषि मुनि लेते आ रहे है।भारत भूमि के अनेक संत महात्मा ने भी इसका महत्व जानकर इस संस्कृति (Mental health awareness) का प्रचार , प्रसार किया।
आज के समय मानशिक आरोग्य स्थिति के उपर सबसे ज्यादा reasearch को महत्व दे रहे है। इसी मे सनातन परंपरा पर, ग्रंथों पर, संस्कृत पर अनेक श्लोक पर देश विदेशों में Reaserach किये जा रहे है। और मनुष्य के Mental health को इसके फायदे मिले इसलिए awareness बढ़ाया जा रहा है।
यहाँ कुछ विशिष्ट शोध निष्कर्ष और विश्वविद्यालयों के स्टेटमेंट दिए गए हैं जो मानसिक स्वास्थ्य (mental health)पर ‘ॐ’ और मंत्रों के प्रभाव पर आधारित हैं।
IIT दिल्ली (भारत)
- शोध विषय: “ॐ मंत्र का उच्चारण और मस्तिष्क की तरंगें।”
- शोध निष्कर्ष:
- ॐ के उच्चारण के दौरान मस्तिष्क की अल्फा और गामा तरंगों में वृद्धि होती है, जो मानसिक शांति और ध्यान केंद्रित करने में सहायक होती हैं।
- तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) के स्तर में कमी पाई गई।
- प्रकाशन स्रोत: Asian Journal of Psychiatry (2011)
ॐ’ मंत्र के जाप के सही उच्चारण और इसके चमत्कारी लाभों के बारे में अधिक जानने के लिए, आप निम्नलिखित वीडियो देख सकते हैं:
ॐ मंत्र का सही उच्चारण व जाप के फायदे | AUM | Sadhguru Sadupdesh
इस वीडियो में, सद्गुरु ‘ॐ’ मंत्र के सही उच्चारण और इसके लाभों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल (अमेरिका)
- शोध विषय: “मंत्रों का मानसिक स्वास्थ्य (mental health) पर प्रभाव।”
- शोध निष्कर्ष:
- मंत्रों का नियमित अभ्यास तनाव और चिंता को 20% तक कम कर सकता है।
- श्वास के साथ मंत्र उच्चारण करने से ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- प्रकाशन स्रोत: Journal of Behavioral Medicine (2015
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (ब्रिटेन)
- शोध विषय: “ध्यान और मंत्रों का मस्तिष्क की संरचना पर प्रभाव।”
- शोध निष्कर्ष:
- मंत्रों का उच्चारण करते समय मस्तिष्क के प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स और एमिग्डाला में सकारात्मक गतिविधि देखी गई।
- यह गतिविधियां तनाव, अवसाद और भावनात्मक अस्थिरता को कम करने में सहायक होती हैं।
- प्रकाशन स्रोत: Frontiers in Human Neuroscience (2018)
UCLA (कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजेलिस)
- शोध विषय: “ॐ और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार।”
- शोध निष्कर्ष:
- 8 सप्ताह तक ‘ॐ’ मंत्र का अभ्यास करने वाले प्रतिभागियों में 30% बेहतर मानसिक स्थिरता और बेहतर नींद के परिणाम देखे गए।
- मनोवैज्ञानिक बीमारियों जैसे PTSD (पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) में भी सुधार पाया गया।
- प्रकाशन स्रोत: International Journal of Yoga (2020)
येल यूनिवर्सिटी (अमेरिका)
- शोध विषय: “मंत्रों के माध्यम से तनाव प्रबंधन।”
- शोध निष्कर्ष:
- मंत्र उच्चारण करने से हृदय गति में संतुलन और रक्तचाप में कमी पाई गई।
- ध्यान और मंत्र अभ्यास से मस्तिष्क के डीएमएन (डिफॉल्ट मोड नेटवर्क) में सुधार देखा गया।
- प्रकाशन स्रोत: Journal of Psychiatry and Clinical Neurosciences (2019)
हालाँकि भारत देश में इतना सारा भंडार होने के बावजूद भी यहाँ लगभग 20 करोड़ लोग (दुनिया के 20 %) मानसिक बिमारी का शिकार है।
भारत में अनेक अध्यात्मिक गुरु द्वारा लोगों को योग से प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस परिणाम स्वरूप लोगों के Mental health मे बेहद बदलाव भी दिखाई दे रहे है। उनके द्वारा mental health awareness को anek कार्यक्रम के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है।
सद्गुरु ने ‘ॐ’ मंत्र के जाप के महत्व और लाभों पर कई बार प्रकाश डाला है। उनके अनुसार, ‘ॐ’ का सही उच्चारण और नियमित जाप मानसिक शांति, एकाग्रता, और आंतरिक स्थिरता प्रदान करता है। सद्गुरु बताते हैं कि ‘ॐ’ ब्रह्मांडीय ध्वनि है, जो किसी धर्म से संबंधित नहीं है, और इसका सही उच्चारण हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य (Mental health)पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
‘ॐ’ मंत्र के जाप के सही उच्चारण और इसके चमत्कारी लाभों के बारे में अधिक जानने के लिए, आप निम्नलिखित वीडियो देख सकते हैं: