Mutual funds :- क्या ? निवेशकों के returns में गिरावट !
पिछले तीन महीनों में कई इक्विटी म्यूचुअल फंड्स ने 10% से 20% तक नकारात्मक रिटर्न दर्ज किया है, जिससे निवेशकों की संपत्ति में कमी आई है।
विशेषकर, सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स के रिटर्न में गिरावट देखी गई है। पिछले तीन महीनों में इन फंड्स के रिटर्न बेहद कम या नकारात्मक रहे हैं, जिससे निवेशकों की चिंताएं बढ़ी हैं।
बाजार की इस गिरावट के बावजूद, म्यूचुअल फंड हाउस ने बैंकों और आईटी सेक्टर में अपने निवेश को बढ़ाया है। पिछले दो महीनों में इन क्षेत्रों का फंड पोर्टफोलियो में योगदान लगभग 30% तक पहुंच गया है, जो इन सेक्टरों में फंड मैनेजर्स के विश्वास को दर्शाता है।
सेंसेक्स और निफ्टी
नवंबर और दिसंबर 2024 के बीच, सेंसेक्स लगभग 7% गिरा है और निफ्टी 50 में 6.5% की गिरावट दर्ज की गई है।
कई मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्टॉक्स ने 10-15% तक की गिरावट देखी है।
सेक्टोरल प्रभाव
आईटी सेक्टर: इस क्षेत्र में लगभग 8% की गिरावट आई है।
बैंकिंग सेक्टर: यहां हल्की रिकवरी देखी गई है, लेकिन औसत में 4-5% गिरावट हुई।
मेटल और एनर्जी सेक्टर: इन सेक्टरों में 10% तक गिरावट दर्ज की गई।
आंकड़े (नवंबर-दिसंबर 2024)
म्यूचुअल फंड कैटेगरी औसत रिटर्न (%)
लार्ज-कैप फंड्स -5.5%
मिड-कैप फंड्स -9%
स्मॉल-कैप फंड्स -13%
सेक्टोरल फंड्स (आईटी) -8%
डेट फंड्स +3%
बाजार की अस्थिरता के समय में, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए और अपने वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार आवश्यक समायोजन करने चाहिए। यदि आवश्यक हो, तो वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना उचित होगा।
लंबी अवधि के निवेशकों के लिए:
SIP को जारी रखें और गिरावट के समय को अवसर के रूप में देखें।
औसत लागत कम होने से भविष्य में बेहतर रिटर्न मिलेगा।
यह जानकारी हेतु दे रहे हैं । आप अपने आर्थीक सलाहगार से विचारविमर्श करके निर्णय ले.