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PAN Card 2.0: भारत की नई डिजिटल पहचान का उन्नत रूप”

भारत सरकार ने हाल ही में ‘PAN 2.0′ परियोजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य मौजूदा पैन कार्ड प्रणाली को अधिक उन्नत, सुरक्षित और डिजिटल बनाना है।

पैन कार्ड की पृष्ठभूमि:

स्थायी खाता संख्या (Permanent Account Number – PAN) एक 10-अंकीय अल्फ़ान्यूमेरिक पहचान संख्या है, जो आयकर विभाग द्वारा जारी की जाती है। यह संख्या करदाताओं के सभी वित्तीय लेन-देन को जोड़ने में सहायक होती है और आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए अनिवार्य होती है। अब तक लगभग 78 करोड़ पैन जारी किए जा चुके हैं, जिनमें से 98% व्यक्तिगत करदाताओं के लिए हैं।

PAN 2.0 क्या है?

PAN 2.0 परियोजना के तहत, पैन कार्ड प्रणाली को नई तकनीक के साथ उन्नत और सुरक्षित बनाया जाएगा। इसमें पैन को आधार और अन्य डिजिटल पहचान प्रणालियों के साथ एकीकृत किया जाएगा, जिससे डेटा सुरक्षा में वृद्धि होगी और धोखाधड़ी की संभावनाएं कम होंगी। इस परियोजना के लिए 1,435 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

PAN 2.0 की आवश्यकता क्यों पड़ी?

वर्तमान पैन प्रणाली में कुछ सीमाएं हैं, जैसे डेटा सुरक्षा की चुनौतियां और धोखाधड़ी की संभावनाएं। PAN 2.0 के माध्यम से सरकार का लक्ष्य एक “सामान्य व्यवसाय पहचानकर्ता” (Common Business Identifier) तैयार करना है, जो सभी सरकारी एजेंसियों की डिजिटल प्रणाली को जोड़ सके।

“PAN Card 2.0: भारत की नई डिजिटल पहचान का उन्नत रूप”

PAN 2.0 के लाभ:

PAN 2.0 के लिए पंजीकरण कैसे करें:

मौजूदा पैन धारकों को नए पैन 2.0 कार्ड के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उनका पैन अपने आप उन्नत सुविधाओं के साथ अपडेट हो जाएगा। यदि आप नया पैन कार्ड प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित तरीकों से आवेदन कर सकते हैं:

NSDL के माध्यम से:

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