Sadguru on Lucid dream :- सपनों को कितना महत्व देना चाहिए? बेहतरीन नींद का रहस्य ।

क्या बिना सपनों की नींद आ सकती है? किसी को अपने सपनों को कितना महत्व देना चाहिए? सदगुरु सपनों,सचेत सपनों, बिना सपनों की नींद के रहस्य को बताते हैं, और अच्छी नींद के लिए एक सरल प्रक्रिया बताते हैं जो जीवन में सहजता और कल्याण ला सकती है।

सपने हमारे अवचेतन का प्रतिबिंब हैं:

सद्गुरु बताते हैं कि सपने हमारे अवचेतन मन (subconscious mind) का एक तरीका है, जिसमें दिनभर के अनुभव, भावनाएँ और इच्छाएँ एक अलग रूप में प्रकट होती हैं।

सपने हमारे अवचेतन का प्रतिबिंब हैं

सपनों और वास्तविकता के बीच अंतर

सद्गुरु का मानना है कि:

  • सपने और वास्तविकता के बीच का अंतर समझना जरूरी है।
  • कई बार, लोग सपनों को वास्तविकता के साथ जोड़ने की गलती करते हैं, जो भ्रम पैदा कर सकता है।
  • उन्हें समझने का सही तरीका यह है कि उन्हें केवल “अनुभव” के रूप में देखें, न कि जीवन का भाग्य (Destiny)।

सपने क्यों आते हैं?

  • भावनात्मक और मानसिक शुद्धिकरण:
    • हमारे दिनभर के अनुभव, भावनाएँ और विचार मस्तिष्क में जमा हो जाते हैं।
    • अधूरी इच्छाओं का प्रतिबिंब
  • जागृति का संकेत:
    • कुछ सपने हमारी चेतना को जगाने के लिए भी आते हैं।
    • यदि कोई सपना बार-बार आ रहा है, तो यह हमारी मानसिक और भावनात्मक स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास हो सकता है।
    • कुछ सपने आत्मा (Soul) और ब्रह्मांडीय चेतना (Universal Consciousness) से जुड़े होते हैं। इन्हें “आध्यात्मिक सपने” कहा जा सकता है।
  •  सद्गुरु का मानना है कि:
    • सपने और वास्तविकता के बीच का अंतर समझना जरूरी है।
    • कई बार, लोग सपनों को वास्तविकता के साथ जोड़ने की गलती करते हैं, जो भ्रम पैदा कर सकता है।
    • यदि आप अधिक सपने देख रहे हैं और गहरी नींद नहीं आ रही है, तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
  • जीवन जीने का सही तरीका
    जीवन जीने का सही तरीका
  • ध्यान, योग, और प्राणायाम का अभ्यास करें ताकि मन शांत और स्पष्ट हो।
  • यदि सपने आपको परेशान करते हैं, तो अपनी जीवनशैली, नींद के पैटर्न, और मानसिक स्थिति का मूल्यांकन करें।

सीधा (पीठ के बल) सोना:

  • सद्गुरु बताते हैं कि सीधा सोना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन इसे सही स्थिति में करना चाहिए।
  • सिर के नीचे सही ऊँचाई का तकिया होना चाहिए ताकि गर्दन और रीढ़ की हड्डी सीधी रहें।

सीधे सोने के फायदे:

  • यह रीढ़ की हड्डी को आराम देता है।
  • शरीर का वजन समान रूप से बंटता है।
  • साँस लेने की प्रक्रिया आसान होती है।

ध्यान रखें:

  • यदि आपको खर्राटों की समस्या है, तो सीधा सोने से बचें।

निष्कर्ष

सद्गुरु का दृष्टिकोण सपनों को केवल एक मानसिक घटना मानने तक सीमित नहीं है। वे इसे आत्मा, चेतना, और ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जोड़ते हैं। उनका मानना है कि यदि हम अपने सपनों को सही दृष्टि से समझें और अपनी चेतना को जागरूक रखें, तो यह हमारे मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक विकास में सहायक हो सकता है।

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