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Sadguru thought lifestyle 2025 में चाहे आप बैठे हों, खड़े हों या कुछ और कर रहे ,कुछ सरल नियम जिंदगी बदल दे ।

Healty food

नमस्कारम, भारतीय संस्कृति का हर पहलू एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है – चाहे आप बैठे हों, खड़े हों या कुछ और कर रहे हों। हमारी संस्कृति में खाना खाने के लिए भी चाहे आप बैठे हों, खड़े हों या कुछ और कर रहे बताए जाते हैं।

सद्गुरु के दृष्टिकोण से, तामसिक, राजसिक और सात्विक भोजन का वर्गीकरण न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि हमारे मानसिक और आध्यात्मिक विकास पर भी गहरा प्रभाव डालता है। इस वीडियो में जो विषय उठाया गया है, वह हमारी भोजन की आदतों और उसके प्रभावों को समझने में मदद करता है। आइए इसे गहराई से समझते हैं:


1. तामसिक भोजन


2. राजसिक भोजन


3. सात्विक भोजन

सद्गुरु के अन्य महत्वपूर्ण विचार और जानकारी के 

Healthy food

https://youtu.be/XYI3UKo4o5A


भोजन और चेतना का संबंध

सद्गुरु यह भी बताते हैं कि भोजन केवल पोषण का स्रोत नहीं है, यह हमारी चेतना पर भी प्रभाव डालता है। जो भोजन हम खाते हैं, उसका ऊर्जा और जीवन पर गहरा असर पड़ता है। उदाहरण के लिए:


सद्गुरु की सलाह

  1. सात्विक भोजन को अपनाएं:
    • ताजे फल और सब्जियां।
    • प्राकृतिक और कम प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ।
    • ज्यादा मसाले और तले हुए खाद्य पदार्थ से बचें।
  2. भोजन का समय:
    • रात का खाना हल्का और सोने से पहले 3-4 घंटे पहले होना चाहिए।
    • दिन के दौरान अधिक पोषणकारी और ऊर्जा देने वाला भोजन करें।
  3. ध्यान और भोजन का संबंध:
    • जब शरीर हल्का और शुद्ध महसूस करता है, तो ध्यान लगाना आसान होता है।
    • भोजन को भावपूर्ण और ध्यानपूर्वक ग्रहण करें।

सद्गुरु का मानना है कि भोजन केवल पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि यह शरीर और मन को स्वस्थ और संतुलित रखने का साधन है। सात्विक भोजन न केवल हमारी शारीरिक क्षमता को बढ़ाता है बल्कि हमें मानसिक स्पष्टता और आध्यात्मिक प्रगति की ओर ले जाता है।

क्या आप इस विषय पर कोई विशिष्ट सवाल पूछना चाहेंगे या इस दृष्टिकोण को अपने जीवन में अपनाने के तरीके जानना चाहेंगे? 😊 comment below

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