सोमनाथ मंदिर एक ऐसा मंदिर जहां सोना हि सोना था । करोडों किं संपत्ती थी ।
अरब देश की तीन देवियों में से एक जिसे एक भक्त ने सोमनाथ लाकर यहां स्थापित किया । कहा जाता है कि वो देवी एक शिव भक्त थी और उनको शिव जी की पत्नी के रूप में पूजा करवाने लगे। उस समय अरब में स्री शक्ति को दबाया जाता था या शक्तिहिनि ठीक समझा जाता था । और उसी करण से बाद में वहा एक अफगानी सेनापति ने 17 बार हमला किया ।
और भि अलग अलग कारण बताये जाते हैं ।
सोमनाथ मंदिर पर 17 बार हमले का उल्लेख भारतीय इतिहास और लोककथाओं में प्रमुख रूप से किया जाता है। यह मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है और इसे भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता के कारण इसे बार-बार विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा निशाना बनाया गया।
सोमनाथ मंदिर पर हमलों में सबसे प्रमुख आक्रमण महमूद गजनवी का था, जो 1025 ईस्वी में हुआ।
- गजनवी ने मंदिर को लूटने और उसकी संपत्ति को हथियाने के उद्देश्य से हमला किया।
- यह माना जाता है कि मंदिर में उस समय अपार संपत्ति थी, जिसमें सोना, चांदी और कीमती रत्न शामिल थे।
- गजनवी ने मूर्ति को भी तोड़ दिया और वहां की धन संपदा अपने साथ गजनी (अफगानिस्तान) ले गया।
- हर बार नष्ट होने के बाद, स्थानीय राजाओं और भक्तों ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया।
- 1951 में, सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में भारत की स्वतंत्रता के बाद इसका पुनर्निर्माण किया गया।
ऐतिहासिक सत्य और मिथक
हालांकि “17 बार हमले” की बात अधिकतर लोककथाओं और किंवदंतियों में आती है, लेकिन ऐतिहासिक रूप से यह संख्या सही हो या न हो, मंदिर पर कई बार आक्रमण किए गए थे। यह मंदिर भारतीय संस्कृति और धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक है और हर बार इसे फिर से बनाया गया, जो भारतीय समाज की अडिग आस्था और दृढ़ता को दर्शाता है।
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