INCOME TAX OLD VS NEW REGIME 2025 नई और पुरानी टैक्स प्रणाली में से कौन सी व्यवस्था मेरे लिए सही है? यह जानना जरूरी है !
एक ऐसा सवाल है जो लगभग हर करदाता के मन में आता है: “नई और पुरानी टैक्स प्रणाली में से कौन सी व्यवस्था मेरे लिए सही है?” दोनों टैक्स प्रणालियाँ, पुरानी और नई, अपने-अपने तरीके से सुविधाएं और लाभ प्रदान करती हैं, INCOME TAX OLD VS NEW REGIME 2025 में क्या अंतर है और कौन सी व्यवस्था आपके लिए फायदेमंद होगी, यह जानना जरूरी है। इस कठिन सवाल का समाधान करने के लिए, हम एक साथ बैठकर इसे समझने की कोशिश करेंगे। बिना किसी जटिलता के, हम आपको सरल और प्रभावी तरीके से समझाएंगे कि नई टैक्स प्रणाली और पुरानी टैक्स प्रणाली में क्या फर्क है और कौन सी प्रणाली आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकती है। हम इसे इस तरह से प्रस्तुत करेंगे कि आप आसानी से समझ सकें और सही निर्णय ले सकें।
तो आइए, एक नई दृष्टि से इन दोनों टैक्स प्रणालियों की यात्रा पर चलते हैं और समझते हैं कि किसे चुनना आपके लिए सबसे अच्छा होगा!
पुरानी व्यवस्था (Old Regime)/ नई व्यवस्था (New Regime):
चलो INCOME TAX OLD VS NEW REGIME 2025 बदलाव को और सरल और आसान भाषा में समझते हैं। मान लो आपकी सालाना आय ₹10 लाख है।
अब दोनों व्यवस्था (पुरानी और नई) की तुलना करके देखते हैं, ताकि फैसला करना आसान हो जाए।
पुरानी कर प्रणाली (Old Regime):
आय सीमा | टैक्स दर |
---|---|
₹2,50,000 तक | 0% |
₹2,50,001 – ₹5,00,000 | 5% |
₹5,00,001 – ₹10,00,000 | 20% |
₹10,00,001 से ऊपर | 30% |
नई कर प्रणाली (New Regime):
आय सीमा | टैक्स दर |
---|---|
₹3,00,000 तक | 0% |
₹3,00,001 – ₹6,00,000 | 5% |
₹6,00,001 – ₹9,00,000 | 10% |
₹9,00,001 – ₹12,00,000 | 15% |
₹12,00,001 – ₹15,00,000 | 20% |
₹15,00,001 से ऊपर | 30% |
नोट: नई कर प्रणाली में छूट और कटौती (जैसे 80C, 80D) नहीं मिलती।
पुरानी व्यवस्था (Old Regime)
- मान लो, आप ₹1.5 लाख (80C के तहत) निवेश करते हो, जैसे PPF, LIC, ELSS आदि।
- आपको ₹50,000 की स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलती है।
अब टैक्स ऐसे निकलेगा:
- कुल आय: ₹10,00,000।
- छूट: ₹1,50,000 (80C) + ₹50,000 (स्टैंडर्ड डिडक्शन) = ₹2,00,000।
- टैक्सेबल इनकम: ₹10,00,000 – ₹2,00,000 = ₹8,00,000।
टैक्स कैलकुलेशन (पुरानी व्यवस्था):
- ₹2.5 लाख तक: कोई टैक्स नहीं।
- ₹2.5–₹5 लाख तक : 5% = ₹12,500।
- ₹5–₹8 लाख तक : 20% = ₹60,000।
कुल टैक्स: ₹12,500 + ₹60,000 = ₹72,500।
+ 4% सेस: ₹72,500 x 4% = ₹2,900।
फाइनल टैक्स: ₹72,500 + ₹2,900 = ₹75,400।
नई व्यवस्था (New Regime):
- इसमें कोई छूट नहीं मिलती।
- पूरी ₹10 लाख की आय पर टैक्स लगेगा।
टैक्स कैलकुलेशन (नई व्यवस्था):
- ₹2.5 लाख तक: कोई टैक्स नहीं।
- ₹2.5–₹5 लाख तक : 5% = ₹12,500।
- ₹5–₹7.5 लाख तक : 10% = ₹25,000।
- ₹7.5–₹10 लाख तक : 15% = ₹37,500।
कुल टैक्स: ₹12,500 + ₹25,000 + ₹37,500 = ₹75,000।
+ 4% सेस: ₹75,000 x 4% = ₹3,000।
फाइनल टैक्स: ₹75,000 + ₹3,000 = ₹78,000।
आपको पुराने और नये कर व्यवस्था के बीच मतभेद समझने के लिए, ये वीडियो देखें:
मुख्य अंतर समझें (Detailed Difference):
प्वाइंट | पुरानी व्यवस्था | नई व्यवस्था |
---|---|---|
छूट और कटौती | मिलती हैं (80C, 80D, HRA, आदि) | नहीं मिलती |
टैक्स स्लैब | उच्च दरें (30% जल्दी शुरू होती है) | कम दरें (छोटी-छोटी स्लैब पर आधारित) |
किसके लिए फायदेमंद? | जो निवेश करते हैं और टैक्स बचाने का प्लान बनाते हैं। | जो निवेश नहीं करते और सरलता चाहते हैं। |
कॉम्प्लेक्सिटी (जटिलता) | थोड़ी ज्यादा (छूट के लिए दस्तावेज़ चाहिए होते हैं)। | बहुत आसान और बिना झंझट। |
कौन सी व्यवस्था आपके लिए सही है?
- पुरानी व्यवस्था का चुनाव करें यदि:
- आप हर साल निवेश करते हैं।
- आपका होम लोन है।
- आपको HRA, 80C, 80D जैसी छूट चाहिए।
- आपकी सालाना इनकम ₹10 लाख से ज्यादा है और आप कटौती का फायदा उठा सकते हैं।
- नई व्यवस्था का चुनाव करें यदि:
- आप कोई बड़ा निवेश नहीं करते।
- आपकी आय सीधे-साधे स्रोत से आती है और आप जटिलता से बचना चाहते हैं।
- आप ₹7-15 लाख तक की आय पर टैक्स बचाना चाहते हैं।
निष्कर्ष:
हमने आपको नई और पुरानी टैक्स प्रणाली के बीच का अंतर और यह कैसे आपके टैक्स को प्रभावित करता है, इसको बारीकी से समझाया। अब, आप बिना किसी जटिलता के यह जान सकते हैं कि कौन सी व्यवस्था आपके लिए अधिक लाभकारी है।
तो, अब जब आप यह समझ चुके हैं, तो एक नई दृष्टि से इन दोनों टैक्स प्रणालियों को समझने के बाद, आप बेहतर निर्णय ले पाएंगे कि कौन सी प्रणाली आपके लिए सबसे उपयुक्त है।
आपकी राय का स्वागत है:
अस्वीकरण इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी देना है ना कि कोई सलाह दे ना। apanibaat.com कोई सलाह देने की ज़िम्मेदारी नहीं लेती हैं।