जसप्रीत बुमराह को पीठ में खिंचाव (back spasm) की समस्या हुई है, जिसकी वजह से उनके कल के टेस्ट मैच में खेलने पर सवाल खड़े हो गए हैं। दूसरे दिन के खेल के दौरान वह सिर्फ एक ओवर डालने के बाद मैदान से बाहर चले गए और स्कैन के लिए अस्पताल गए। मेडिकल टीम उनकी स्थिति पर नज़र रख रही है, लेकिन अभी तक उनकी उपलब्धता को लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।
अगर नहीं लौटे बुमराह तो क्या होगा भारत की टीम का?
जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति भारतीय टीम के लिए गंभीर चिंता का विषय है, विशेषकर जब वे सीरीज में बराबरी की स्थिति में हैं। बुमराह ने अब तक सीरीज में 32 विकेट लिए हैं, जो टीम के कुल विकेटों का लगभग 50% है।
बुमराह के ना होने के बावजूद भारतीय गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलिया को 181 रन पर ऑलआउट कर दिया। इससे भारत को पहली पारी में बढ़त मिली। फैंस और टीम बुमराह के फिट होने की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि यह मैच 2-2 की बराबरी वाली सीरीज़ के लिए निर्णायक हो सकता है। अगर वह नहीं खेल पाते, तो यह भारतीय टीम के लिए एक बड़ा झटका होगा!
रोहित शर्मा के बाद भारत के कप्तान का भार जसप्रीत बुमराह ने लिया था। अब किंग कोहली को कप्तान पद बहाल किया है।
हालांकि, उनकी गैरमौजूदगी में टीम को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, विशेषकर यदि ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए छोटा लक्ष्य मिलता है, क्योंकि बुमराह इस श्रृंखला में 13.06 की औसत से 32 विकेट लेकर सबसे सफल गेंदबाज रहे हैं।
यदि जसप्रीत बुमराह टेस्ट मैच में आगे नहीं खेल पाते हैं, तो भारतीय टीम और कप्तान विराट कोहली (यदि वह नेतृत्व कर रहे हैं) को उनकी अनुपस्थिति में रणनीति में बदलाव करना पड़ेगा।
टीम के साथी प्रसिध कृष्णा ने बताया कि बुमराह की स्थिति पर मेडिकल टीम नजर रख रही है, और उनके खेलने को लेकर निर्णय बाद में लिया जाएगा।
यदि बुमराह शेष मैच में नहीं खेल पाते हैं, तो यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण झटका होगा, क्योंकि वे इस मैच को जीतकर श्रृंखला को 2-2 से बराबर करना और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को बरकरार रखना चाहते हैं।
गेंदबाजी आक्रमण में बदलाव:
- प्रसिध कृष्णा या शार्दुल ठाकुर को अधिक जिम्मेदारी देना: अगर बुमराह नहीं खेलते हैं, तो प्रसिध कृष्णा, जो एक प्रभावशाली तेज गेंदबाज हैं, या शार्दुल ठाकुर को विकेट लेने के लिए आक्रमण की शुरुआत करनी होगी।
- मोहम्मद शमी और सिराज पर निर्भरता: शमी और सिराज को नई गेंद से विकेट निकालने और विपक्षी टीम पर दबाव बनाने की अतिरिक्त जिम्मेदारी निभानी होगी।
- स्पिनरों की भूमिका: रवींद्र जडेजा और आर अश्विन को न केवल विकेट निकालने के लिए, बल्कि रन रोकने के लिए भी आक्रामक रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है।